कश्मीरी पंडितों पर अचानक फारुख अब्दुल्ला का बयान।सरकार गठन से पहले फारुख अब्दुल्ला का कश्मीरी पंडितों पर अचानक बदले सुर। कही दी ये बड़ी बात -
जम्मू-कश्मीर में 2019 में अनुच्छेद-370 को खत्म करने के बाद पहली बार कराए गए विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस के गठबंधन ने बाजी मारी और नेशनल कॉन्फ्रेंस(एनसी) के मुखिया फारुख अब्दुल्ला के बेटे उमर अब्दुल्ला का मुख्यमंत्री( सीएम) बनने की चर्चा तेज हो गई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के मुखिया फारूक अब्दुल्ला ने कश्मीरी पंडितों की घर वापसी को लेकर बड़ा बयान दिया है।
इसी बीच, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के मुखिया फारूक अब्दुल्ला का एक बयान सामने आया जिसमें उन्होंने कहा, कि केंद्र शासित प्रदेश के जो लोग अपना घर-बार छोड़कर चले गए थे, वे अब वापस आएंगे।
कश्मीरी पंडित वापस अपने घर आ सकेंगे।
फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि जो मेरे भाई और बहनों को कश्मीर को छोड़कर जाना पड़ा था, उन्हें अब कश्मीर लौट के आना चाहिए। अब उनके घर लौटने का समय आ गया है। अपने घर आकर अपने घरों को सम्हालना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ कश्मीरी पंडितों के ही बारे में नहीं सोचते हैं बल्कि कश्मीर के सभी निवासियों के बारे में सोचते हैं। उन्होंने आगे कहा, कश्मीर के सभी निवासियों को ये जानना चाहिए कि राष्ट्रीय कांफ्रेंस उनकी हितैषी पार्टी है। हम भारतीय हैं और सबको एक साथ लेकर चलना चाहते हैं।
क्या रहे जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजे?
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) जम्मू-कश्मीर की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई है। इस विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय कांफ्रेंस ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था। इस गठबंधन को घाटी की कुल 90 सीटों में से 48 सीटों पर जीत मिली है। इस जीत के साथ अब यह सरकार बनाने की दिशा में आगे बढ़ चुकी है। राष्ट्रीय कांफ्रेंस के मुखिया के बेटे उमर अब्दुल्ला का मुख्यमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है।
अनुच्छेद-370 कश्मीर में हमेशा एक मुद्दा रहेगा...
चुनाव के संपन्न होते ही नेशनल कॉन्फ्रेंस की तरफ से अपने बयान में दो टूक कह दिया गया है कि चाहे कुछ भी हो जाए, अनुच्छेद-370 का मुद्दा उसके लिए हमेशा ही एक मुद्दा रहेगा। अगर किसी को लगता है कि चुनाव संपन्न होने के बाद यह मुद्दा समाप्त हो चुका है, तो यह उसकी गलतफहमी है। इससे पहले भी सम्भावित सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी पत्रकारों से बातचीत में स्पष्ट करते हुए कहा था, कि अनुच्छेद-370 बहाली "उन लोगों से मांगना, जिन्होंने इसे हमसे छीना है यह बेवकूफी है।" क्योंकि जिन लोगों ने हमसे यह छीना है, वे नहीं चाहेंगे कि यह हमें फिर से मिले, लेकिन हम इस मुद्दे को हमेशा उठाते रहेंगे।