Haryana chunav results. Counting me kaise palti Baji ?

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं, और हरियाणा में  BJP की सरकार बनाने जा रही है। लेकिन बीजेपी के लिए यह इतना आसान नहीं था। आइए जानते हैं कि एग्जिट पोल जहां कांग्रेस की सरकार बनाने बनने की बात कर रहे थे, वहीं मतगणना समाप्त होने के बाद उसके उलट कैसे हो गया ?





दिनांक 08/10/2024 को जब मतगणना शुरू हुई तो कांग्रेस एकतरफा बढ़त बना ली और बढ़त का आंकड़ा 65 पार था, लेकिन करीब 10 बजे जब भारतीय जनता पार्टी ने अपना बढ़त बनाना शुरू किया और कुछ ही देर में कांग्रेस और बीजेपी दोनों 43-43 सीटों पर बराबर हो गई। मतगणना समाप्त होने तक भारतीय जनता पार्टी की 48 सीटें, कांग्रेस की 37 सीटें और अन्य पार्टियों की 5 सीटों का रुझान सामने आया। और लगभग सभी चैनल के न्यूज एनालिस्ट अपने-अपने एग्जिट पोल में कांग्रेस को विजयी मान लिया था, लेकिन उसके उलट परिणाम आये कैसे आईए हरियाणा के कुछ बड़े मुद्दों से समझते हैं।

कैसे कांग्रेस अपने ही बिछाएं जाल में फंसीं ? और कैसे बीजेपी हरियाणा में अपनी लगातार तिसरी बार सरकार बनाने जा रही हैं ?

हरियाणा ने जो मुद्दा लोकसभा चुनाव में उठाया, उन्हीं मुद्दों को विधानसभा चुनाव में भी उठाया क्योंकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में ज्यादा दिनों का अन्तर नहीं था। लोकसभा के कुछ ही महीनों बाद हरियाणा का विधानसभा चुनाव भी था, और हरियाणा का मुख्य मुद्दा जवान, किसान, और पहलवान था। जवानों का मुद्दा अग्निवीर से जोड़ा गया, किसान मुद्दा किसानों के लिए लाए गए अध्यादेश से और पहलवानों का मुद्दा उन्हीं की विधानसभा प्रत्याशी विनेश फोगाट ने ही उठाया। 
1. किसान- हरियाणा ऐसा माना जाता है, कि वो 36 बिरादरियों का राज्य है और बीजेपी यह समझाने में कारगर रही कि यह मुद्दा जाट बनाम 35 अन्य बिरादरियों का है, और जाटों के अलावा हरियाणा में किसी भी जाती से किसान बिल से कोई मतलब नहीं है। यह काम बीजेपी ने बड़े ही चुपचाप ढंग से किया। 
2. जवान- हरियाणा एक ऐसा राज्य है जिससे ज्यादा मात्रा में जवान निकलते हैं और बार बार कांग्रेस अग्निवीर का मुद्दा रही थी तभी बीजेपी और उनके नायब सिंह सैनी ने Hariyana agniveer policy 2024 लेकर आयी और यह आश्वासन दिया कि प्राइवेट हो या सरकारी जॉब सभी में सभी को आरक्षण मलेगा। 
3. पहलवान- विनेश फोगाट हाल ही के बिते ओलंपिक में 100 ग्राम वजन बढ़ जाने के कारण डिसक्वालिफाई कर दी गयी थी। और विपछ ने कई तरीके के गलत सही बयान बाजी की ये मुद्दा उठाया की ये सब मोदी का किया धरा है। और जब विनेश फोगाट वापस भारत आयी तो खाप पंचायत ने मिलकर उन्हें अपना "खाप मेंडल" दिया। और विनेश भी आव देखा न ताव कांग्रेस से जुड़ जाती है और वही से जो देश में एक लहर दौड़ गयी कि विनेश ने जो कुछ भी किया धरा वो एक कहानी थी और ये बात खुद पूर्व भारतीय रेसलिंग संघ के चेयरमैन रहे बृजभूषण शरण सिंह ने कहा। जिनके खिलाफ पहलवान प्रदर्शन कर रहे थे। और बीजेपी यह बात हरियाणा के नागरिकों को समझाने में सफल रही कि ये सब राजनीतिक करतब था।

निष्कर्ष - 

 भारतीय जनता पार्टी ने इसी प्रकार विपक्ष के हर पैंतरे का तोड़ निकाला और हरियाणा में तिसरी बार सरकार बनाने की ओर बढ़ रही है। दलित वोट बैंक की राजनीति भी यहां काफी चर्चा में थी। कांग्रेस लोकसभा चुनाव में किये अपने बेहतर प्रदर्शन ( बीजेपी को 400 पार जाने से रोकना बल्कि पूर्ण बहुमत भी हासिल न करने देना और खुद भी 99  सीट लाकर अच्छा प्रदर्शन करना।) के कारण ओवर एक्साइटमेंट में थी, और इसी चक्कर में कांग्रेस बीजेपी के ग्राउंड रियलिटी को नहीं समझ पाई कि कैसे बीजेपी अपने खिलाफ मुद्दों को अपने वोट बैंक में बदल रही है।  बीजेपी चुपचाप बड़े ही चतुराईपूर्वक कांग्रेसियों और विपक्षीयों को पछाड़ रही थी। इस प्रकार बीजेपी ने हरियाणा में जीत दर्ज कर सकी। हरियाणा विधानसभा चुनाव की जीत आने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और अन्य राज्यों के परिणाम में अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है।

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