सुप्रीम कोर्ट का सरकार को आदेश, अब पोर्न देखने पर होगी जेल और लगेगा जुर्माना।
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आया और कहां की Child Pornography को पूरी तरह बंद करना चाहिए। चाइल्ड पोर्नोग्राफी को डाउनलोड करना और देखना दोनों कानूनी अपराध है देखना दोनों कानूनी अपराध है, और ऐसा करते पाए जाने पर Pocso and IT act के तहत 7 से 10 साल की जेल और जुर्माना भी लग सकता है।
Chief justice of India:CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस मनोज मिश्र की बेंच ने ये आदेश दिया और कहा की सरकार को ये शब्द (child pornography) का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए। और इस शब्द की जगह Child Sexual Expletive and Abuse Meterial (CSEAM) शब्द का इस्तेमाल करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि आप अध्यादेश लाओ और कानून में बदलाव करीये कि इसे देखना और फैलाना बच्चों की मर्यादा का उलंघन करना है। और इसी कड़ी में सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को बदलाव करने को कहा। क्योंकि मद्रास हाईकोर्ट ने एक ऐसे ही मामले में एक आरोपी को छोड़ दिया था। और इसी फैसले के बाद 2 NGO सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कि कहीं ये फैसला child pornography को बढ़ावा ना दे। इस पर मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि GENZ को पोर्न देखने का एडिक्शन है तो उन्हें एजुकेट करना चाहिए। और ऐसे ही मामले पर केरल हाईकोर्ट ने कहा था कि पोर्न देखना अपराध नहीं है, और कोई एसा कानटेंट अपने पास रखता है, इसकी छान - बीन करना निजता में दखल है।
क्या कहता है एडल्ट पॉर्न पर भारतीय कानून
भारत में आनलाइन पोर्न विडियो देखना गैर कानूनी नहीं है बल्कि पोर्न बनाना, पब्लिश और सर्कुलेट करना गैर कानूनी है। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको आईटी एक्ट 2000 के सेक्नश 67, 67 A के तहत 10 साल तक का जेल और 10 लाख तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। और पोर्न बेचने और फैलाने पर सेक्शन 294, 295 of BNS के तहत 5 साल तक की जेल और 10 हजार का जुर्माना देना पड़ सकता है।